राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा॥ कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥ हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं । तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा॥ हनुमान यात्नमास्ताया दु:ख क्षय करोभाव कंचन बरन बिराज https://www.instagram.com/reel/DFWTy0gvMKk/
Hanuman mantra No Further a Mystery
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